ऊपर तार-नीचे अंडरपास...रास्ता खोज रहीं डबल डेकर बसें

लखनऊ में एसी डबल डेकर इलेक्ट्रिक सिटी बसों की शुरुआत हो चुकी है। अब बारी प्रयागराज की है। यहां दो डबल डेकर बसें आ भी चुकी हैं। लेकिन, इनके रूट अब तक निर्धारित नहीं हो सके हैं। क्योंकि, प्रयागराज में कई रेल अंडरपास की ऊंचाई काफी कम है।
लखनऊ में एसी डबल डेकर इलेक्ट्रिक सिटी बसों की शुरुआत हो चुकी है। अब बारी प्रयागराज की है। यहां दो डबल डेकर बसें आ भी चुकी हैं। लेकिन, इनके रूट अब तक निर्धारित नहीं हो सके हैं। क्योंकि, प्रयागराज में कई रेल अंडरपास की ऊंचाई काफी कम है। इसके अलावा कुछ प्रमुख सड़कों पर बिजली के तार काफी नीचे हैं।

प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान ही नगरीय परिवहन निदेशालय की ओर से दो ई-डबल डेकर बसें उपलब्ध करवाई गई हैं। हालांकि, इनका संचालन महाकुंभ के दौरान शुरू नहीं हो सका। तब से ये राजापुर स्थित प्रयाग डिपो की वर्कशॉप में खड़ी हैं। लखनऊ से जब ये प्रयागराज लाई गईं तो शहर में तकरीबन आधा दर्जन स्थानों पर बिजली के तारों को डंडे के सहारे ऊपर उठाना पड़ा था।

शहर में कई मार्ग ऐसे हैं, जहां विद्युत आपूर्ति वाले तार कम ऊंचाई पर हैं। इसके अलावा निरंजन, सीएमपी, सोहबतियाबाग, झलवा, बैरहना, गीता निकेतन, कुंदन गेस्ट हाउस आदि स्थानों पर बने रेल अंडरपास की ऊंचाई भी काफी कम है। इससे इनके रूट निर्धारित करने में सिटी ट्रांसपोर्ट सेवा से जुड़े अफसरों को परेशानी हो रही है।
ई-डबल डेकर बस की ऊंचाई 4.8 मीटर है। ये बसें एक बार चार्ज होने पर 150 किमी तक चल सकती हैं। इनमें पांच सीसीटीवी कैमरे और पैनिक बटन लगाई गई हैं। रियल टाइम लोकेशन के लिए इसमें व्हीकल ट्रैकिंग डिवाइस भी लगी है।

फिलहाल, इन बसों को लेकर प्रयागराज सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड की ओर से कुछ अन्य रूटों पर सर्वे किया जा रहा है। पहले एयरपोर्ट से सिविल लाइंस तक इनको चलाने की तैयारी थी। लेकिन, एयरपोर्ट में विमानों और यात्रियों की संख्या एकाएक कम हो गई है। इससे झलवा से प्रयागराज छिवकी के बीच इसे चलाए जाने पर विचार चल रहा है।

डबल डेकर ई-बस संचालन के लिए रूट का सर्वे चल रहा है। जैसे ही रूट फाइनल होगा, इनका संचालन शुरू कर दिया जाएगा। -एमके त्रिवेदी, निदेशक, प्रयागराज सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड

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