जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय की बैठी छत, मड़रा खतरा

मिर्जापुर। माह में करोड़ों रुपये का वेतन, पेंशन जारी करने वाला जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय अपनी जर्जर हाल पर आसूं बहा रहा है। हालत है यह कि पटल लिपिक अपने कार्यालय में बैठकर कार्य करने में बेचैनी महसूस कर रहे हैं। लगभग दो दशक पहले निर्मित जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय अपने निर्माण काल से ही संदेश के घेरे में रहा है। उत्तर-दक्षिण दो भागों में निर्मित कार्यालय के एक भाग में जिला विद्यालय निरीक्षक,वित्त एवं लेखाधिकारी, कार्यालय सहायक, रमसा कार्यालय तो दूसरे भाग में लेखकार और पटल लिपिकों का कक्ष है। सहायता प्राप्त, संस्कृत माध्यमिक विद्यालय और लेखाकार के कमरे के छत बैठ गईं हैं।
पंखे चलते हैं तो छत से सीमेंट और बालू के कण, भूरे-भूरे गिरते रहते हैं, पटल लिपक के कक्ष की हाल ही में छत और नीचे लटक गई है। तो लेखाकार के कमरे में सीमेंट बालू के कण कागजों से लेकर कंप्यूटर पर गिरते हैं। इनमें कार्य करने वाले लिपिक और लेखाकारों के जब तक एक दिन का कार्य पूरा कर कमरे से बाहर नहीं निकलते तब तक प्राण अटके रहते हैं। कार्यालय में जाने पर अंगुली उठाकर छत की ओर इशारा करते रहते हैं हालांकि ऐसा नहीं है के जिम्मेदार अधिकारियों की जानकारी में नहीं लेकिन वो इन समस्याओं की ओर ध्यान देने की बजाय पत्रावलियों को अपने हस्ताक्षर की चिड़या बैठाने तक खुद को समित कर लिए हैं। इस बाबत जिला विद्यालय निरीक्षक माया राम ने अधिष्ठान लिपिक से प्रस्ताव बनाकर शासन को प्रेषित करने के निर्देश दिए हैं। ताकि बजट मंगवाकर मरम्मत कार्य करवाया जा सके

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