मां विंध्यवासिनी के घटाभिषेक में उमड़े आस्थावान

विंध्याचल। आस्थावानों ने बुधवार को मां विंध्यवासिनी, मां अष्टभुजी और महाकाली का घटाभिषेक किया।
घड़े में गंगाजल भरकर मंदिर पहुंचे पांच हजार से ज्यादा भक्तों ने माता के चरणों के अलावा मंदिर का कोना-कोना धोया। घटाभिषेक के दौरान सुबह 10 से दोपहर 12 बजे तक आम भक्तों के लिए मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए थे।
वैशाख प्रतिपदा को पारंपरिक रूप से मां विंध्यवासिनी मंदिर, अष्टभुजी देवी और महाकाली मंदिर का घटाभिषेक किया गया। इसके लिए सुबह 10 से दोपहर 12 बजे तक मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए थे।
पक्का घाट से मिट्टी, तांबे और पीतल के घड़े में गंगा जल भरकर श्रद्धालु जयकारे लगाते मंदिर पहुंचे। इसके बाद माता के चरणों में गंगा जल अर्पित किया।
इसमें श्री विंध्य पंडा समाज के सदस्यों के साथ स्थानीय जनता और दूरदराज से आए भक्त शामिल हुए। कंधों में कलश लिए भक्तों से विंध्यधाम की गलियां पटी रहीं। राजश्री आरती और मां विंध्यवासिनी के शृंगार के बाद आम भक्तों के लिए मंदिर खोल दिया गया।
इसके बाद श्रद्धालुओं ने माता की शृंगार झांकी के दर्शन किए। श्री विंध्य पंडा समाज के अध्यक्ष पंकज द्विवेदी ने बताया कि वार्षिक घटाभिषेक कार्यक्रम के तहत देर रात विशेष अनुष्ठान किया जाएगा। इस मौके पर भाजपा के नगर विधायक पं. रत्नाकर मिश्र, श्री विंध्य पंडा समाज के मंत्री भानु पाठक, कोषाध्यक्ष तेजन गिरी, केदार भंडारी, गौतम द्विवेदी, अजय दूबे आदि मौजूद थे।

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