चुनार थानाध्यक्ष रविंद्र भूषण मौर्या को सूचना मिली कि कुछ लोग चोरी का सामान लेकर जा रहे हैं। पुलिस ने बरगवां खरहटिया गांव के पास से बाइक सवार तीन युवकों अभिमन्नू उर्फ मन्नू निवासी बलुआ बजाहुर थाना चुनार, नागेंद्र कुमार निवासी बलुआ बजाहुर व रविंकांत उर्फ सोनू निवासी डुलहाडौल थान चुनार को गिरफ्तार किया।
उनके पास से अष्टधातु की वेणु गोपाल की मूर्ति बरामद हुई। इसका वजन 15 किलोग्राम है। कीमत एक करोड़ के करीब है। एएसपी सिटी नितेश सिंह के अनुसार, तीनों आरोपियों ने बताया कि उनका संगठित गिरोह है। इन्होंने अन्य साथियों के साथ अष्टधातु की मूर्ति दक्षिणी भारत के किसी मंदिर से चोरी की थी। पुलिस ने तीनों पर प्राचीन स्मारक संरक्षण अधिनियम व अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया। इनका सरगना सुनील है। उसकी तलाश की जा रही है। उसी ने मूर्ति चोरी की है। उसे पकड़ने पर पता चलेगा कि मूर्ति किस मंदिर से चोरी हुई है।
कहां गई बांसुरी, कटी चोटी और एक अंगुली
मिर्जापुर। बरामद मूर्ति श्रीकृष्ण की है। दक्षिण भारत में वेणु गोपाल के रूप में उनकी पूजा होती है। मूर्ति बांसुरी बजाने की मुद्रा में है पर बांसुरी नहीं है। एक हाथ की सबसे छोटी अंगुली भी टूटी है। सिर कीर चोटी थी कटी है। इससे लगता है कि चोरी करने वाले ने बांसुरी निकाली है। इस दौरान एक अंगुली टूट गई है। पुलिस अंगुली, कटी चोटी और बांसुरी का पता लगाने में जुटी है। एएसपी सिटी नितेश सिंह ने बताया कि मुख्य आरोपी के पकड़े जाने पर पता चलेगा कि बाकी सामान कहां है।
विदेेशियों के संपर्क में मुख्य आरोपी सुनील
मिर्जापुर। मूर्ति चोरी करने का मुख्य आरोपी सुनील है। वह वाराणसी में ऑटो चलाता है। वह चोरी करने वाला गिरोह चलाता है।
गिरफ्तार अभिमन्नू, सुनील का भतीजा है। सुनील ने तीनों को मूर्ति दी थी। इसे घर पर पिता छोटेलाल को देने के लिए कहा था, लेकिन इससे पहले तीनों पकड़ लिए गए।
सुनील वाराणसी में मूर्ति किसी विदेशी को बेचने के लिए संपर्क में था। सुनील वाराणसी में किराये का मकान लेकर रहता है। ऑटो चलाते हुए वह अपने गिरोह के सदस्यों के साथ चोरी करता और कराता है। थानाध्यक्ष रविंद्र भूषण मौर्या ने बताया कि मुख्य आरोपी सुनील वाराणसी में रहकर ऑटो चलाता है। उसके रहने वाले स्थान पर दबिश दी गई, पर वह नहीं मिला।
दक्षिणी भारत की पुलिस से हो रहा संपर्क
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