कासगंज के युवक जीतेंद्र सिंह एक माह से लापता, पुलिस की लापरवाही से परिवार में आक्रोश

कासगंज जिले के पटियाली तहसील क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सिडपुरा गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहाँ के निवासी श्री राजेश सिंह के बड़े बेटे, जीतेंद्र सिंह, 30 अप्रैल 2025 की शाम 6:45 बजे संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गए। एक महीने से अधिक समय बीत जाने के बावजूद भी पुलिस प्रशासन इस मामले में अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर सका है, जिससे परिवार और ग्रामीणों में भारी नाराजगी है।

जीतेंद्र सिंह एक जिम्मेदार और मेहनती युवक था, जो हर रोज़ अपने गांव सिडपुरा से ट्रैक्टर एजेंसी पर काम करने के लिए जाता था। सुबह एजेंसी खोलता और शाम को उसे बंद करके घर लौटता। 30 अप्रैल को भी वह रोज़ की तरह एजेंसी बंद करके शाम लगभग 6 बजे बाजार की ओर रवाना हुए, लेकिन जब वह रात तक घर नहीं लौटे, तो उनके पिता श्री राजेश सिंह चिंतित हो उठे।

परिवार ने पहले घर में और आस-पास पूछताछ की, फिर एजेंसी जाकर जानकारी ली, जहाँ स्थानीय लोगों ने बताया कि जीतेंद्र शाम 6 बजे एजेंसी बंद करके निकल चुके थे। इसके बाद उनके पिता ने बाजार क्षेत्र में जान-पहचान वालों से संपर्क किया, जहाँ यह पता चला कि कुछ लोगों ने उन्हें सिडपुरा चौराहे के पास देखा था, लेकिन इसके बाद उनका कोई अता-पता नहीं चला।

परिवार ने तत्काल स्थानीय चौराहे पर लगे सीसीटीवी कैमरे चेक करवाए, लेकिन कैमरों में कोई ठोस सुराग नहीं मिला। इसके बाद गुमशुदगी की रिपोर्ट पुलिस थाने में दर्ज करवाई गई और तहरीर भी दी गई, लेकिन पुलिस की कार्यप्रणाली बेहद निराशाजनक रही। न तो कोई खोजबीन की गई, न ही आसपास के क्षेत्रों में छानबीन हुई और न ही कोई तकनीकी जांच की दिशा में कदम उठाया गया।

इस पूरी घटना को अब एक महीना हो चुका है, न कोई फोन कॉल, न फिरौती की मांग, न ही कोई सुराग मिलने के संकेत। जीतेंद्र के परिजनों को आशंका है कि उसे अगवा कर लिया गया है, लेकिन प्रशासन इसे महज एक आम गुमशुदगी मानकर अनदेखा कर रहा है।

परिजनों ने कई बार थाने जाकर अधिकारियों से मिलकर कार्रवाई की मांग की, लेकिन हर बार उन्हें आश्वासन देकर लौटा दिया गया। इस लापरवाही ने पुलिस की कार्यशैली पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। सवाल यह है कि जब एक ईमानदार और सीधा-सादा युवक दिनदहाड़े लापता हो जाता है और महीनों बाद भी प्रशासन के पास कोई जवाब नहीं होता, तो आम जनता की सुरक्षा की जिम्मेदारी कौन लेगा?

गांव के लोगों और परिजनों ने अब यह मांग की है कि इस मामले की जांच किसी उच्च स्तरीय एजेंसी से करवाई जाए। ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस की लापरवाही से अपराधियों के हौसले बुलंद हो रहे हैं और आम जनता असुरक्षित महसूस कर रही है।

इस खबर को सुनकर केवल सिडपुरा ही नहीं, बल्कि पूरे पटियाली क्षेत्र में चिंता और गुस्से का माहौल है। परिजन अब मुख्यमंत्री से लेकर डीजीपी तक गुहार लगाने की तैयारी में हैं।

अब सवाल यह है कि आखिर एक साधारण ग्रामीण परिवार को न्याय पाने के लिए कितना संघर्ष करना पड़ेगा? क्या एक माह तक युवक का कोई सुराग न लगना पुलिस की असफलता का प्रमाण नहीं है?

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